नोट : यह मूल ब्लॉग " अनंत अपार असीम आकाश" की मात्र प्रतिलिपि है, जिसका यू.आर.एल. निम्न है:-
आपके परिचर्चा,प्रतिक्रिया एवं टिप्पणी हेतु,मेरी डायरी के पन्नो से प्रस्तुत है-
दु:स्वप्न
देखो ! वो जो आते है,
सब मुझसे नजर चुराते है।मै उन्हें हकीकत बतलाता हूँ,
उनको,उनका रूप दिखाता हूँ।फिर भी जाने क्यों ? वो मुझसे ,
रहते है नाराज सदा।